अचानक घर का दरवाजा खुला. दो आदमी मेरे घर में घुस आए. मैं पहचान नहीं पाया उन्हें. घर के सामान उठाकर बाहर फेंकने लगे. एक ने कस के एक लात मारा. कि अचानक एक बैल को दौड़कर आते हुए देखा. वह मेरे बच्चे को पैर से कुचल कर भाग गया. मैं जहाँ अभी भुट्टा बना रहा हूँ वहीं लेट गया, धूप मुझे तपाने लगा. आस-पास से लोग गुज़र रहे थे. ढेर सारी गाड़ियों को चलते देख रहा था. कि एक गाड़ी बड़ी तेजी से मेरे पास आने लगी. मुझे लगा मेरे उपर चढ जाएगी. इससे पहले कि गाड़ी मेरे उपर चढ़े, मेरी नींद खुल गयी.
बाद में ये भी बताया कि सपने में कहीं पत्नी नहीं दिखी. कोई बच्चा अब नहीं है. दो बच्चे बड़े हो गए हैं और मुम्बई में हैं. दिल्ली की एक झुग्गी में पत्नी के साथ रहते हैं. पत्नी कुछ घरों में सफाई करके कमाती है. इन्हीं कमाइयों से उनका गुजारा चल रहा है. उनकी हक़ीकत सुनकर और भारत की व्यवस्था को देखकर समझ में आया कि ऐसा सपना क्यों देखा.